अटल इनोवेशन मिशन, स्वीडिश दूतावास ने सतत भविष्य के लिए युवाओं के नेतृत्व वाले समाधानों का शुभारंभ करते हुए शीस्‍टैम (SheSTEM) 2024 का महोत्‍सव मनाया।

नीति आयोग के अंतर्गत अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और स्वीडन दूतावास में विज्ञान और नवाचार कार्यालय, नॉर्डिक सहयोगियों-इनोवेशन नॉर्वे, इनोवेशन सेंटर डेनमार्क और बिजनेस फिनलैंड के साथ साझेदारी में, शीस्‍टैम 2024 के सफल समापन की घोषणा की। यह वार्षिक पहल एसटीईएम में महिलाओं के योगदान का महोत्‍सव मनाती है और युवा सोच को विज्ञान, प्रौद्योगिकी,  अभियांत्रिकी और गणित (एसटीईएम) में करियर तलाशने के लिए प्रोत्साहित करते हुए आगामी पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को प्रेरणा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती है।

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शीस्‍टैम 2024  चुनौती में देशभर के कक्षा 6 से 12 के छात्रों को बैटरी प्रौद्योगिकी और ऊर्जा भंडारण (बीईएसटी) प्रणालियों पर केंद्रित अभिनव विचार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत-नॉर्डिक बीईएसटी परियोजना के अंग के तहत इस चुनौती का उद्देश्य ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाकर स्थिरता को बढ़ावा देना है। प्रतिभागियों को दो मिनट के वीडियो प्रारूप में ऊर्जा भंडारण और स्थिरता के लिए अपने प्रोटोटाइप या अवधारणाएँ प्रस्तुत करने का काम सौंपा गया था। प्रतियोगिता को शानदार प्रतिक्रिया मिली, जिसमें एक हजार से अधिक प्रस्तुतियाँ भारत के युवाओं की रचनात्मकता, समस्या-समाधान कौशल और भविष्‍य की सोच वाली मानसिकता को प्रदर्शित करती हैं। प्रस्तुत विचारों ने युवा नवोन्मेषकों की जबरदस्त क्षमता को प्रदर्शित किया और वे  स्थिरता, प्रौद्योगिकी और विज्ञान में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

शीस्‍टैम 2024  ने मात्र एक प्रतिस्‍पर्धा के रूप में ही नहीं अपितु छात्रों को महत्वपूर्ण स्‍टैम  विषयों से जुड़ने और वैश्विक स्थिरता प्रयासों में योगदान देने के लिए एक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम ने सहयोग और टीमवर्क के महत्व का भी विशेष रूप से भी उल्‍लेख करते हुए आज की चुनौतियों का समाधान करने में सामूहिक नवाचार की शक्ति को रेखांकित किया गया।

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भारत में स्वीडन के राजदूत, जान थेस्लेफ़ ने शीस्टेम 2024 के प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नवाचार और सहयोग एक स्थायी दुनिया के मूल में हैं, एक ऐसी दुनिया जो स्‍वयं को सुरक्षित रखने के लिए कड़ा परिश्रम कर रही है। शीस्टैम 2024 अगली पीढ़ी को ऊर्जा भंडारण और प्रौद्योगिकियों के लिए नवाचार और समाधान बनाने के लिए प्रेरित करने में सहायता प्रदान करने के लिए सही दिशा में एक पहल है। उन्‍होंने प्रसन्‍नता जताते हुए कहा कि इस वर्ष शीस्टैम चुनौती भारत-नॉर्डिक बैटरी और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी परियोजना का हिस्सा है, जो नॉर्डिक भागीदारों को शिक्षा, व्यवसाय और सरकार में भारत के साथ साझेदारी के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए एक साथ लाती है।

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने इस आयोजन के महत्व पर बल देते हुए कहा कि एआईएम को युवा प्रतिभा, नवाचार और भारत के छात्रों की असीम क्षमता के उत्सव, शीस्टैम 2024 का हिस्सा बनने पर गर्व है। इस वर्ष की चुनौती, ऊर्जा भंडारण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीधे तौर पर कुछ सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करती है। इस क्षेत्र में छात्रों को शामिल करके, हम न केवल भविष्य के एसटीईएम प्रमुखों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि उन्हें एक स्थायी और प्रौद्योगिकी-संचालित दुनिया को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशक्त भी बना रहे हैं।

शीस्‍टैम 2024 की सफलता युवाओं के नेतृत्व वाले नवाचार की अविश्वसनीय क्षमता और एक स्थायी भविष्य के निर्माण में स्‍टैम शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। इस आयोजन ने युवा सोच को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया है, और एआईएम अगली पीढ़ी के विचारकों, रचनाकारों और प्रमुखों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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