14 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के शहरों के लिए 7293 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी गई। बिजली और सिविल डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 983.75 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, जिसमें से 66 शहरों में बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 563.34 करोड़ रुपये और 64 शहरों में सिविल डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 420.40 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती संबंधित डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी और पीएम-ई-बस सेवा टेंडर से संबंधित शर्तों को पूरा करने पर निर्भर है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में बिजली और नागरिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 437.50 करोड़ रुपये का वितरण इस प्रकार दिया गया है:
क्रमांक | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | पहली किश्त जारी
(करोड़ रुपये में) |
वर्ष |
1 | बिहार | 87.55 |
वित्तीय वर्ष 2024-25 |
2 | गुजरात | 9.06 | |
3 | चंडीगढ़ | 11.87 | |
4 | असम | 6.47 | |
5 | छत्तीसगढ | 30.18 | |
6 | महाराष्ट्र | 200.18 | |
7 | ओडिशा | 47.72 | |
8 | राजस्थान | 44.46 | |
कुल | रु. 437.50 |
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, तेलंगाना के दो शहर वारंगल और निज़ामाबाद क्रमशः 100 और 50 ई-बसों के लिए पात्र हैं। हालांकि, इन शहरों ने इस योजना के अंतर्गत भाग नहीं लिया है। हैदराबाद सहित 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहर इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं। आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने 13 फरवरी को यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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