भारत का 6जी विजन का सपना होगा पूरा !

सरकार ने मार्च 2023 में भारत 6जी विज़न दस्तावेज जारी किया है, जिसका उद्देश्य 6जी नेटवर्क प्रौद्योगिकियों को डिज़ाइन, विकसित और तैनात करना है जो दुनिया के लिए उच्च गुणवत्ता वाले जीवन अनुभव के लिए सर्वव्यापी बुद्धिमान और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं ताकि 2030 तक भारत को 6जी तकनीक में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थान दिलाया जा सके। सरकार ने देश में 6जी तकनीक के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं :
  1. देश में अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 6जी टीएचजेड टेस्टबेड और एडवांस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेस्टबेड नामक दो टेस्टबेड को वित्तपोषित करना।
  2. देश में क्षमता निर्माण और 6जी के लिए तैयार शैक्षणिक और स्टार्ट-अप इको-सिस्टम के निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में पूरे भारत में शैक्षणिक संस्थानों में 100 5जी प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई।
  3. 6जी इको-सिस्टम के लिए अनुसंधान में तेजी लाने के लिए, 6जी प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक रोडमैप के अनुरूप अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 6जी नेटवर्क इको-सिस्टम पर 111 अनुसंधान प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
  4. सरकार ने ‘भारत 6जी अलायंस’ की स्थापना की सुविधा प्रदान की है, जो भारत 6जी विजन के अनुसार कार्ययोजना विकसित करने के लिए घरेलू उद्योग, शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और मानक संगठनों का गठबंधन है। इसने 6जी वायरलेस प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु वैश्विक सहयोग बढ़ाने हेतु अग्रणी वैश्विक 6जी गठबंधनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसने डब्ल्यूटीएसए 2024 और इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2024 के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी का भी आयोजन किया है। संगोष्ठी का उद्देश्य 6जी प्रौद्योगिकी में स्थानीय और वैश्विक प्रगति का पता लगाना था, तथा उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों को एक साथ लाना था।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ अंतरराष्ट्रीय मोबाइल प्रौद्योगिकी (आईएमटी) 2030 ढांचे में योगदान दिया है, जिसे उद्योग द्वारा 6जी भी कहा जाता है, जिसमें 6जी के छह उपयोग परिदृश्यों में से एक के रूप में ‘सर्वव्यापी कनेक्टिविटी’ को शामिल किया गया है और 6जी प्रौद्योगिकी की क्षमताओं के रूप में कवरेज, अंतरसंचालनीयता और स्थायित्व को शामिल किया गया है।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार से राज्यसभा में यह जानकारी दी।
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