महिला एवं बाल विकास मंत्री ने वीमेन लेड डेवलपमेंट के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

सरकार वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट की ओर बढ़ रही है जहाँ महिलाएँ विकास और राष्ट्रीय प्रगति की कहानी में समान भागीदार हों और जहाँ वे नेतृत्व करें: श्रीमती अन्नपूर्णा देवी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कल नई दिल्ली के डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में मीडिया के साथ इंटरैक्शन का आयोजन किया। केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने वीमेन लेड डेवलपमेंट के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जो प्रधानमंत्री द्वारा समर्थित दृष्टिकोण है।

इंटरैक्शन के दौरान, केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा की कि प्रधानमंत्री जी ने विकसित भारत के निर्माण का जो संकल्प लिया है उसी दिशा में सरकार वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट की ओर बढ़ रही है जहाँ महिलाएँ विकास और राष्ट्रीय प्रगति की कहानी में समान भागीदार हों और जहाँ वे नेतृत्व करें।

केन्द्रीय मंत्री ने महिलाओं एवं बच्चों को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों को संबोधित किया, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण, बाल विकास एवं उनके उचित पोषण की व्यवस्था आदि शामिल हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए, वन-स्टॉप सेंटर आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं, जिसमें चिकित्सा और कानूनी सहायता शामिल है, और 24 घंटे टोल-फ्री हेल्पलाइन ‘181’ और ‘1098’ संकट से महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान की जाती है। मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम महिलाओं और बच्चों में  कुपोषण से निपटने पर केंद्रित है और उनके स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के बीच महत्वपूर्ण संबंध को रेखांकित करता है। मंत्रालय कामकाजी महिलाओं के छात्रावास और पालना घर के माध्यम से महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को मजबूत करने के लिए भी प्रयासरत है|

2024-25 के लिए महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से योजनाओं के लिए जेंडर बजट आवंटन ₹3.3 लाख करोड़ है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के जेंडर बजट विवरण की तुलना में 37.3% अधिक है यह महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

त्रालय द्वारा महिला और बाल विकास के लिए उल्लेखनीय उपलब्धियों में शामिल हैं:

• प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना के तहत नकद लाभ को दूसरे बच्चे के लिए बढ़ाया गया यदि वह लड़की है।

• 411 विशेष पॉक्सो अदालतों की स्थापना और चाइल्ड हेल्पलाइन को ईआरएसएस-112 के साथ एकीकृत करना।

• देश भर में 785 वन स्टॉप सेंटर का संचालन।

• 92,108 आंगनवाड़ियों को सक्षम आंगनवाड़ियों में उन्नयन के लिए मंजूरी दी गई है।

• ‘पोषण भी पढाई भी’ के अंतर्गत अब तक 33,175 राज्य स्तर के मास्टर प्रशिक्षकों में से 11,412 को प्रशिक्षित किया गया है जो भविष्य में भारत भर के सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।

• बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का विस्तार भारत के सभी जिलों में किया गया है।

• किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और पॉक्सो अधिनियम, 2012 में संशोधन किया गया है।

ये प्रयास मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति जैसी व्यापक मिशनों का हिस्सा हैं | मंत्रालय विभिन्न योजनाओ के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा संकल्पित विकसित भारत की ओर अग्रसर है।

 

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