मानसून के मौसम के दौरान शहरी बाढ़ |

संविधान की 12वीं अनुसूची के अनुसार, नगर नियोजन, भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों के निर्माण सहित शहरी नियोजन शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी)/शहरी विकास प्राधिकरणों का कार्य है। बाढ़ नियंत्रण के लिए शमन उपाय और जल निकासी योजना तैयार करना राज्य सरकार और शहर स्तर पर शहरी स्थानीय निकायों/शहरी विकास प्राधिकरणों के दायरे में आता है। भारत सरकार योजनाबद्ध उपायों/परामर्शों के माध्यम से राज्यों के प्रयासों को संपूरित करती है। यह राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।

मंत्रालय ने शहरी जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़/सलाहकार दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं:

1. शहरी और क्षेत्रीय विकास योजनाएं निर्माण और कार्यान्वयन (यूआरडीपीएफआई) दिशानिर्देश, 2014:

https://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/URDPFI%20Guidelines%20Vol%20I(2).pdf

 

2. शहरी बाढ़ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)

http://www.tcpo.gov.in/sites/default/files/TCPO/schemes/SOP-Urban-flooding.pdf.

 

3. शहरों को प्रकृति-आधारित समाधान सहित संयुक्त जल प्रबंधन दृष्टिकोण के विकास में सक्षम बनाने के लिए 2021 में नदी केंद्रित शहरी नियोजन दिशानिर्देश।

4. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने वर्षा जल संचयन पार्कों के निर्माण पर मार्गदर्शन दस्तावेज़ भी प्रकाशित किया है।

https://mohua.gov.in/pdf/6566e1048ab41guidance-document-on-rainwater-harvesting-parks-final.pdf

 

अमृत ​​मिशन के तहत, तूफानी जल निकासी एक स्वीकार्य घटक है जिसमें बाढ़ को कम करने और समाप्त करने के लिए नालियों/तूफान जल निकासी का निर्माण और सुधार भी शामिल है। जैसा कि राज्यों द्वारा बताया गया है, 2,140 करोड़ रुपए लागत की 772 तूफान जल निकासी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 878 करोड़ रुपए लागत की 69 परियोजनाएं 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में कार्यान्वयन के चरण में हैं। इसके परिणामस्वरूप 3,556 जलजमाव बिंदु समाप्त हो गए हैं और अन्य 372 जलजमाव बिंदु कार्यान्वयन चरण में हैं। इसके अलावा, अमृत के तहत, 71.19 करोड़ रुपए लागत की 9 जल निकाय परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया है।

अमृत 2.0 के तहत, जल निकायों और कुओं का कायाकल्प मुख्य घटकों में से एक है। इसके तहत स्वीकार्य तत्वों में तूफानी जल नालों के माध्यम से वर्षा जल को जल निकाय (जिसमें सीवेज/प्रवाह नहीं मिल रहा है) में संग्रहित करना शामिल है। अमृत 2.0 के तहत, अब तक 5,432 करोड़ रुपए की 2,713 जल निकाय कायाकल्प परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

यह जानकारी आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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