रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तरंग शक्ति अभ्यास मित्र देशों के साथ सहयोग, समन्वय और विश्वास को मजबूत करेगा।

“तरंग शक्ति भारतीय सशस्त्र बलों के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है”

“तरंग शक्ति अभ्यास द्वारा भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प प्रदर्शित हुआ”

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति’ को साझेदार देशों के साथ सहयोगसमन्वय और विश्वास को मजबूत करने का एक प्रयास बताया है। जोधपुर में बहुराष्ट्रीय अभ्यास के दूसरे चरण में विशिष्ट आगंतुक दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तरंग शक्ति के माध्यम से भारत ने सभी साझेदार देशों के साथ अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत किया है तथा उनमें यह विश्वास जगाया है कि जब भी जरूरत होगीहम सभी एक साथ खड़े होंगे।

परस्पर सहअस्तित्व और सहयोग से जुड़े भारत के विज़न को दोहराते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा देश सभी देशों के एकदूसरे का हाथ थामकर साथ चलने में विश्वास करता है। रक्षा मंत्री ने कहा“जब इतनी जटिलता और बड़े पैमाने पर कोई अभ्यास होता हैतो अलगअलग कार्य संस्कृतिहवाई युद्ध के अनुभव और युद्ध लड़ने के सिद्धांतों वाले सैनिक एकदूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा“आज का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम भारतीय वायुसेना की शानदार उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है। हम न केवल सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैंबल्कि इस बात पर भी गर्व कर रहे हैं कि हमारी सशस्त्र सेनाएं अब दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक मानी जा रही हैं।

रक्षा मंत्री ने आगे विस्तार से बताया“स्वतंत्रता के समय भारतीय वायुसेना के पास दो तरह के विमानों के केवल छह स्क्वाड्रन थे। इसी तरहशेष युद्ध उपकरण न केवल पुराने थेबल्कि उनकी संख्या भी सीमित थी। लेकिन आजदुनिया भर के बेहतरीन और आधुनिक विमानों तथा अगली पीढ़ी के उपकरणों से लैस भारतीय वायुसेना ने खुद को बदल लिया है।

हाल ही में फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान हेलीकॉप्टर इंजन के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने खुद को केवल हथियारों और उपकरणों के आयातक से बदलकर एक ऐसे राष्ट्र में बदल लिया हैजो आज लगभग 90 देशों को हथियार और उपकरण निर्यात करता है। उन्होंने आगे कहा“घरेलू रक्षा क्षेत्र ने हथियारोंप्लेटफार्मोंविमानों आदि के निर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। आज हम हल्के लड़ाकू विमानोंसेंसररडार के निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध को अंजाम देने में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो गए हैं।

केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अभ्यास तरंग शक्ति के विशिष्ट आगंतुक दिवस समारोह में भाग लिया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएसजनरल अनिल चौहानवायुसेना प्रमुख (सीएएसएयर चीफ मार्शल वीआर चौधरीसेना प्रमुख (सीओएएसजनरल उपेंद्र द्विवेदीनौसेना प्रमुख (सीएनएसएडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और मित्र देशों के वरिष्ठ सैन्य नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस कार्यक्रम में अग्निवीर वायु महिला एयर वॉरियर ड्रिल टीम (एडब्ल्यूडीटीद्वारा तथा एलसीए तेजसएलसीएच प्रचंडसारंग और एसकेएटी टीमों द्वारा प्रदर्शन किया गया।

बाद मेंरक्षा मंत्री ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय रक्षा और एयरोस्पेस एक्सपो (आईडीएएक्स24) का उद्घाटन कियाजिसने स्वदेशी रक्षा विनिर्माण और एयरोस्पेस नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।

इस कार्यक्रम में स्टार्टअपएमएसएमई और प्रमुख वैमानिकी उद्योगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी हुईजिसमें 68 उद्योग कंपनियों ने अत्याधुनिक रक्षा तकनीकें पेश कीं। अभ्यास के दूसरे चरण में सात देशों और इक्कीस पर्यवेक्षक देशों की भागीदारी के साथआईडीएएक्स24 ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगसंवादसहयोग और विशेषज्ञता के आदानप्रदान को बढ़ावा दियाजिससे रक्षा और एयरोस्पेस में भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत हुई।  

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