हरित भारत मिशन ।

हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन (जीआईएम) जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के आठ मिशनों में से एक है। इसका उद्देश्य भारत के वन की सुरक्षा, बहाली और वृद्धि करना तथा चिन्हित क्षेत्रों में वन और गैर-वन क्षेत्रों में पारिस्थितिकी-पुनर्स्थापना गतिविधियों को अंजाम देकर जलवायु परिवर्तन का का मुकाबला करना है। जीआईएम के तहत गतिविधियाँ वित्त वर्ष 2015-16 में शुरू की गई थीं।

अब तक सत्रह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को 155130 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण/पारिस्थितिकी बहाली के लिए 909.82 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू डिवीजन में वृक्षारोपण/पारिस्थितिकी बहाली के लिए 464.20 हेक्टेयर क्षेत्र को जीआईएम के तहत लिया गया है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान महाराष्ट्र सहित जीआईएम के अंतर्गत आवंटित/वितरित और उपयोग की गई धनराशि का राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार ब्यौरा अनुलग्नक-1 में दिया गया है।

अनुलग्नक- 1

क्रम सं.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र आवंटित/वितरित धनराशि

फंड

उपयोग किया

1

आंध्र प्रदेश 2.02 2.74

2

अरुणाचल प्रदेश 34.71 10.56

3

छत्तीसगढ 12.91 11.38
4 हरयाणा 17.15

16.82

5 हिमाचल प्रदेश 17.09

6.55

6 जम्मू और कश्मीर 32.22

31.70

7

कर्नाटक 14.27 13.56

8

केरल 16.32 15.74
9 मध्य प्रदेश 75.49

88.92

10 महाराष्ट्र 0.00

1.78

11

मणिपुर 35.19 26.28

12

मिजोरम 107.96

86.83

१३

ओडिशा 79.00 74.91

14

पंजाब 14.62

9.38

15

सिक्किम 27.16

27.16

16

उत्तराखंड 122.22

113.31

17 पश्चिम बंगाल 10.95

10.18

18

उत्तर प्रदेश 5.43

0.00

कुल

624.71

547.82

 

नोट: उपयोग की गई निधि में वित्त वर्ष 2019-20 से पहले जारी की गई राशि से हुआ व्यय भी शामिल है।

यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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