परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की एक घटक इकाई, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) द्वारा पिछले पांच वर्षों में प्राप्त राज्यवार और वर्षवार इन-सीटू यूरेनियम संसाधन निम्नानुसार हैं:
राज्य |
यूरेनियम-ऑक्साइड संसाधन (टन में) | ||||
2020-21 | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25
(दिसम्बर तक) 24) |
|
आंध्र प्रदेश | 12,966 | 18,182 | 19,561 | 7,450 | 2,500 |
झारखंड | 5,894 | 715 | 3,367 | 13,100 | 4,080 |
कर्नाटक | 617 | 373 | – | – | – |
राजस्थान | 1,861 | 1,336 | – | 900 | 798 |
कुल | 21,338 | 20,606 | 22,928 | 21,450 | 7,378 |
देश में कुछ मौजूदा इकाइयों की क्षमता विस्तार और नए उत्पादन संयंत्रों (खान और संयंत्र) के निर्माण सहित 13 परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मौजूद है। विभिन्न केंद्रीय और राज्य प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने से संबंधित परियोजना-पूर्व गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर, अयस्क उत्पादन के संदर्भ में अनुमानित खनन क्षमता लगभग 11.535 मिलियन टीपीए और यू 3 ओ 8 उत्पादन के संदर्भ में लगभग 1095 टीपीए होने की परिकल्पना की गई है।
जिन परियोजनाओं के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, उनके लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने से संबंधित परियोजना-पूर्व गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। इसलिए वर्तमान में उन परियोजनाओं के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी प्राप्त होने के बाद परियोजना की रूपरेखा तय होने के बाद निधि आवंटन शुरू किया जाएगा।
हाल के वर्षों में, एएमडी ने झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जादुगुड़ा उत्तर-बगलसाई-मेचुआ भंडार में यू-ऑक्साइड संसाधन स्थापित किया है, जो जादुगुड़ा यूरेनियम भंडार का उत्तर-पश्चिमी विस्तार है। इस भंडार से भारत की दीर्घकालिक परमाणु ईंधन सुरक्षा को काफी हद तक मजबूत करने की उम्मीद है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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