भारत का विनिर्माण क्षेत्र एक बदलावकारी यात्रा की राह पर है, जिसका मकसद दूरदर्शी नीतियों के माध्यम से वैश्विक जगत में अपनी मौजूदगी दर्ज करना है. इस विकास का केंद्रबिंदु उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना है, जो नवाचार को बढ़ावा देते हुए, दक्षता में वृद्धि करते हुए, और महत्वपूर्ण उद्योगों में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देते हुए देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप …
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