मंचासीन महानुभाव, मैं जब सामने देखता हूं तो बहुत बड़ा संकट महसूस करता हूं किन-किन का नाम लूं। आचार्यगण को मेरा प्रणाम, आपकी उपस्थिति प्रेरणादायक है। यहाँ जब देखता हूं सबको तो मेरी नजर इतनी पैनी है की राजेंद्र राठौड़ ने अपना स्थान तक बदल लिया। इस मिट्टी के सपूत भारत के माथे का चंदन, देश का गौरव स्वर्गीय श्री …
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