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ईपीएफओ ने अक्टूबर 2024 के दौरान 13.41 लाख शुद्ध सदस्य जोड़े। 7.50 लाख नए सदस्य बने। अक्टूबर 2024 में जोड़े गए नए सदस्यों का 58.49 प्रतिशत 18-25 आयु वर्ग से था।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अक्टूबर 2024 के लिए अनंतिम पेरोल डेटा जारी किया है, जो 13.41 लाख सदस्यों की शुद्ध वृद्धि दिखाता है। यह ईपीएफओ की प्रभावी आउटरीच पहलों से बढ़े हुए रोजगार अवसरों और कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। ईपीएफओ पेरोल डेटा (अक्टूबर 2024) की मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं: नई सदस्यता: ईपीएफओ ने अक्टूबर 2024 में लगभग 7.50 लाख नए सदस्य बनाए। नई …

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खजुराहो, मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखने के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ।

भारत माता की जय, वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पै रैवे वारे सबई जनन खों हमाई तरफ़ से हाथ जोर कें राम राम पौचे। मध्यप्रदेश के गर्वनर श्रीमान मंगू भाई पटेल, यहां के कर्मठ मुख्यमंत्री भाई मोहन यादव जी, केंद्रीय मंत्री भाई शिवराज सिंह जी, वीरेंद्र कुमार जी, सीआर पाटिल जी, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जी, राजेंद्र शुक्ला जी, अन्य …

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एमएसएमई की क्रांति बदल रहा है : भारत का आर्थिक परिदृश्य।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है, जो 2020-21 में ₹3.95 लाख करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹12.39 लाख करोड़हो गई है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने और वैश्विक व्यापार को सुदृढ़ करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। 2024-25 में निर्यात करने वाले एमएसएमई की कुल संख्या भी 2020-21 में 52,849 से बढ़कर 2024-25 में 1,73,350 हो गई है। [1] एमएसएमई ने एक शानदार विकास पथ का निर्माण किया है, जो कि 2023-24 में निर्यात में 45.73% का योगदान देता था, वो मई 2024 तक बढ़कर 45.79% हो गया, जो भारत के व्यापार प्रदर्शन पर उनके बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है। भारत में एमएसएमई क्षेत्र ने लगातार शानदार परिवर्तनशीलता और अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन किया है, जो बीते कुछ वर्षों में देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत की जीडीपी में एमएसएमई की ओर से सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) 2017-18 में 29.7% था, जो 2022-23 में बढ़कर 30.1% हो गया। यहां तक  कि कोविड-19 महामारी से आने वाली अभूतपूर्व चुनौतियों के बीच भी, इस क्षेत्र ने 2020-21 में 27.3% का योगदान बनाए रखा, जो 2021-22 में बढ़कर 29.6% हो गया। ये आंकड़े आर्थिक विकास और स्थिरता को आगे बढ़ाने में …

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